Gomati Kund गोमती कुंड, Madhya Pradesh मध्य प्रदेश के Ujjain उज्जैन शहर में स्थित एक पवित्र जल कुंड है. यह एक प्राचीन तालाब है जो सांदीपनि आश्रम के पास बना है.
महर्षि सान्दीपनि आश्रम में Gomati Kund गोमती कुण्ड लोक श्रद्धा का प्रतीक है। पुराणोक्त विवरण के अनुसार महर्षि सान्दीपनि के आश्रम में शिक्षा ग्रहण करते समय श्रीकृष्ण का ध्यान इस बात की ओर आकृष्ट हुआ कि प्रतिदिन सुबह कुछ समय के लिए महर्षि सान्दीपनि आश्रम में कहीं दिखाई नहीं देते हैं। इस बारे में जब श्रीकृष्ण को गुरुमाता से ज्ञात हुआ कि गुरुजी प्रातःकाल प्रतिदिवस गोमती नदी में स्नान करने के लिए जाते हैं, इस कारण गुरुजी को विद्यादान करने में विलम्ब होता है। गुरुजी को स्नान के दौरान आने- जाने में होने वाले कष्ट निवारण हेतु श्रीकृष्ण ने गोमती नदी के जल का आवाहन किया।
उनके आवाहन करने पर महर्षि सान्दीपनि के आश्रम (Hermitage) के समीप पावन गोमती नदी जलकुण्ड के रूप में प्रकट हुईं जो गोमती कुण्ड के नाम से प्रसिद्ध है। आज भी गोमती कुण्ड सान्दीपनि आश्रम में कई सौ वर्षों के अंतराल के बाद भी परिवर्तित वर्गाकार रूप में मौजूद है, जो भगवान श्रीकृष्ण के गुरुभक्ति का स्मरण कराता है।![](https://talesofmythologyandfacts.co.in/wp-content/uploads/2024/01/gomti-kund-300x200.jpg)
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गोमती कुंड (Gomati Kund) के बारे में कुछ और बातें:
- यह कुंड, सांदीपनि आश्रम का पानी का मुख्य स्रोत है.
- माना जाता है कि इस कुंड के पवित्र जल के दर्शन और प्रार्थना करने से भक्तों की समस्याओं का समाधान हो सकता है.
- ऐसा माना जाता है कि तालाब के पवित्र जल में डुबकी लगाने से यहां प्रार्थना करने आने वाले भक्तों की समस्याएं दूर हो सकती हैं.
- माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने सभी तीर्थ केंद्रों से पवित्र नदियों को बुलाया था ताकि उनके पुराने गुरु शांति से रह सकें.
- यह कुंड, पिछले 3,000 सालों से आश्रम का पानी का स्रोत है और आज भी आश्रम का मुख्य जल स्रोत है.